पशुओ में दूध उत्पादन कैसे बढ़ाये
सूखे चारे की पौष्टिकता बढ़ाने की विधियां :
पशुओं को खिलाये जाने वाले मुख्य सूखे चारे है : तूडी, पराली
या ज्वार- बाजरा की कड़वी ! ये चारे पशुओं को लगभग पूरा वर्ष खिलाए जाते है !
इनमें पोषक तत्व बहुत कम होते है !
हजम न होने वाले तत्व लिगनिन व सिलिका न तो
स्वयं आसानी से हजम होते है और न ही अन्यं तत्वों को हजम होने देते है ! प्रयोग
से पता चला है कि इन्हें युरिया से उपचारित करके या यूरिया-शीरा मिश्रण बनाकर भूसे
पर छिड़कने और मिलाने से पाचक तत्व 15-20% तक बढे जाते है !
1. यूरिया उपचार के लिए 100 किलो
भूसा, 4 किलो यूरिया तथा 50 लीटर पानी
लें ! यूरिया को पानी में अच्छी तरह घोल लें ! इस मिश्रण को 100 किलो भूसा, पराली या कड़वी पर इस तरह स्प्रे मशीन
द्वारा या हाथ छिड़क कर अच्छी तरह मिला दें कि पानी एक जगह न रहे !
इस मिश्रण को
ढेर या कूप की तरह इकट्ठा कर लें ! ढेर को प्लास्टिक या पोलीथीन की चादर से अच्छी
तरह ढक दें ! किनारे पर चारों और मिटटी से दबा दें, ताकि हवा
इस भूसे के सम्पर्क में न आए ! चार सप्ताह बाद चादर हटा दें तथा दो दिन हवा व धूप
लगने दें ! जिस प्रकार पहले तुडी को खिलाते है इसे खिलाना शुरू कर दें ! तुंडी
इत्यादि में 8-10% प्रोटीन की मात्रा हो जाती है तथा पोषक
तत्व 15-20% तक बढ़ जाते है !
(2) यरिया-शीरा मिश्रण उपचार कम दूध देने वाले या न
दूध देने वाले पशुओ
के लिए अत्यंत उपयोगी है ! उपचार के लिए एक किलो यूरिया
को 10
लीटर पानी
घोल ले ! 10 किलो' शीरां इस घोल में मिलाए
! अच्छा घोल बन जाने पर 500 ग्राम नमक, 1000 ग्राम मिनरल मिक्सचर तथा 5:ग्राम विटामिन 'ए'' मिश्रण से 90 किलो तूड़ी
का उपचार करें ! मिश्रण को अधिक मात्रा में बनाकर रख ले तथा प्रतिदिन आवश्कतानुसार
तूड़ी, कडवी या पराली पर स्प्रे द्वारा मिलाए ! स्प्रे करते
समय तुड़ी को हिलाते-डुलाते रहें, ताकि मिश्रण अच्छी तरह से
मिल जाए !
सावधानियां
1. यूरिया को पानी में अच्छी तरह घोलकर ही शीरा मिलाएं
!
2. मिलाने के बाद देखें कि शीरा हाथ को चिपकता तो नहीं
!
3 ठंड के दिनों में शीरा गाढ़ा हो जाता है ! इसे मिलाने से पहले
थोड़ा गर्म कर लें !
4. यूरिया-शीरा मिश्रण कभी भी पशु को न पिलायें ! केवल
सूखे चारे
में निर्धारित मात्रा में मिलाकर खिलाएं ! इस तरह
खिलाने से यूरिया की निर्धारित मात्रा पशु के पेट में धीरे-धीरे नियमित रूप से
पहुंचती है और किसी प्रकार की हानिकारक स्थिति
की आंशका नहीं रहती !
5. यूरिया-शीरा मिश्रण को दैनिक आहार व्यवस्था में
धीरे-धीरे बदलें ! ऐसा न
करने पर पाचन प्रणाली में बदलाव आने के कारण पशुओं को
दस्त लग सकते है ! इसलिए 15-20 दिन में थोड़ा-थोड़ा खिलाकर बदलाव लाएं !
6. पहले 5 दिन तक खली-दाने का चौथाई भाग घटाकर इसके बदले में
मिश्रण का डेढ गुणा मिलाकर, खिलाएं ! अगले 5 दिन में आधी खली-दाना कम करके उसके स्थान पर हटाई गई मात्रा का डेढ़ गुणा
मिश्रण दें ! तब सूखा चारा पशु कम खाने लगता है ! दूध देने वाले पशु तथा बढने वाले
बछड़ों को खली दाने का केवल आधा भाग ही मिश्रण के रूप में दें !
7. छः माह से छोटे बछड़ों-बछड़ियों को उपरोक्त मिश्रण
न खिलाएं !
यूरिया-शीरा युक्त चारा की मात्रा
पशु की किस्म के अनुसार ही मिश्रण की मात्रा निश्चित करें ! मोटे तौर
पर विभिन्न प्रकार के पशुओं को निम्न मात्रा में मिश्रण खिला सकते है !
6 माह से बड़े बछडे-बछियों .......................................................4-5
किलो
1 वर्ष से बड़े बछड़े-बछियों .......................................................
6-8 किलो
2-3 किलो तक दूध देने वाले पशु एवं बैल, सांड आदि .........................जितना चाहें !
दूध न देने वाले बड़े पशु (गाय, भैस)........................................................8-10 किलो
पशुओं को खनिज मिश्रण खिलाएं
खनिज मिश्रण क्यों खिलाएं
खनिज वे रासायनिक तत्व है, जिनकी पशुओं को बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है
परन्तु पशु आहार में इनकी कमी या उपयुक्त अनुपात में न होने से भिन्न-भिन्न प्रकार
की बीमारियों व आदतों (जैसे मिटटी, कपड़ा, कागज इत्यादि खाना व पेशाब पानी आदि) से ग्रस्त हो जाते है !
पशुओं की
उत्पादन क्षमता कम हो जाती है तथा कभी-कभी तो पशु बांझपन का शिकार भी हो जाते है !
चूंकि पशु अपने शरीर में खनिज बनाने की क्षमता नहीं रखते इसलिए उनको आहार में खनिज
मिश्रण खिलाया जाना आवश्यक है !
खनिजों के कमी के कुप्रभाव
पशुओं के शरीर में खनिजों की कमी से निम्नलिखित कुप्रभाव हो सकते
है...
1. हडिडयों का जर्जर एवं कमजोर होना !
2. दुग्ध उत्पादन की क्षमता में कमी ! !
3. भेड़ों में ऊन का कड़ापन व बदरंग होना !
4. प्रजनन शक्ति में कमी, बांझपने
एवं समय पर गाभिन न होना
5. भूख न लगना एवं पाचन शक्ति में कमी !
6. शारीरिक वृद्धि में कमी !
7. खून की कमी !
खनिज मिश्रण कितना खिलाएं
छोटे व काम करने वाले पशुओं के लिए 50 ग्राम प्रति दिन ! दुधारू
पशु (8-10 कि.ग्रा. दूध) व गर्भवती पशुओं के लिए 100 ग्राम प्रतिदिन !
खनिज मिश्रण में एक तिहाई सादा नमक व दो तिहाई खनिज लवण होने चाहिएं
! जरूरत से अधिक खनिज मिश्रण 'खिलाना मंहगे के साथ-साथ फायदे की बजाए हानिकारक भी
हो सकता है !
खनिज मिश्रण कैसे खिलाएं !
खनिज मिश्रण को दाना/चाट में भली भांति मिलाकर
खिलाया जाना अधिक उचित है ! इसे चारे में मिलाकर भी दिया जा सकता है ! मगर ध्यान
रहे कि पशु पूरा मिश्रण खा ले ! .
पशु पोषाहार विभाग
चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय